हमारे बारे में
प्रदेश के श्रमिकों की दशा एवं दिशा में सुधार हेतु विभिन्न श्रम अधिनियम पारित किये
जाने के साथ ही उ0प्र0 के औद्योगिक अधिष्ठानों में श्रमिकों की अदत्त मजदूरी तथा उनसे
वसूल किये गये अर्थ दण्ड जो सेवायोजकों पास बिना किसी लाभकारी कार्य के अनुपयुक्त पड़ी
रहती थीं, को श्रमिकों के कल्याण की प्रोन्नति के लिए किए जाने वाले कार्यकलापों को
वित्त पोषित करने हेतु वर्ष 1965 में उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण निधि अधिनियम पारित
किया गया तथा जिसकी नियमावली 1972 में लागू हुई। यह अधिनियम निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र
मेें आने वाले सभी कारखानों (केन्द्रीय या राज्य सरकारों के प्रतिष्ठानों को छोड़कर
बागों अथवा उन प्रतिष्ठानों पर, जहाॅ वाणिज्य, व्यापार, या उससे सम्बद्ध या सहायक कार्य
होता है और जहाॅ 20 या अधिक कर्मचारी काम करते हैं, पर लागू होता है।
उक्त अधिनियम के अन्र्तगत शासन द्वारा श्रम कल्याण निधि एवं उसके संचालन करने के उद्देश्य
से उ0प्र0 श्रम कल्याण परिषद का गठन किया गया है। श्रम कल्याण आयुक्त, उ0प्र0 परिषद
के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। शासन द्वारा श्रमायुक्त, उ0प्र0 को ही कल्याण आयुक्त,
उ0प्र0 नियुक्त किया गया है। श्रमायुक्त कार्यालय परिसर, कानपुर में उ0प्र श्रम कल्याण
परिषद का कार्यालय स्थित है।